नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा कोरोना वायरस की रोकथाम के लिए बुलाए गए जनता कर्फ्यू में थाली बजाने को लेकर उनकी काफी मजाक उड़ाई जा रही है। एक तरफ जहां लोग पीटी और फटी थालियों की तस्वीरें शेयर करते हुए यह लिख रहे हैं कि तालियां पीटने से कोरोना वायरस भारत छोड़कर नहीं जाएगा बल्कि इसके लिए गंभीर प्रयासों की आवश्यकता है तो दूसरी तरफ कई बुद्धिजीवियों ने सोशल मीडिया पर लिखा कि थाली पीटना, घंटी बजाना कोरोना वायरस से लड़ने का सही मार्ग नहीं है।
मशहूर पत्रकार प्रशांत टण्डन ने अपनी पोस्ट में लिखा कि उनके घर पर चीनी मिट्टी के बर्तन हैं तो वह कोरोना वायरस से कैसे बचें? जबकि कई अन्य लोगों ने दूसरे देशों के प्रयासों की तुलना करते हुए बताया कि जहां प्रभावित देश करोड़ों अरबों डॉलर खर्च करके इस बीमारी को फैलने से रोकने का प्रयास कर रहे हैं साथ ही साथ इस वायरस की वजह से देश में आई आर्थिक मंदी से मुकाबले के लिए विशेष आर्थिक पैकेज की घोषणा कर रहे हैं, वहीं दूसरी तरफ प्रधानमंत्रीजी सिर्फ ताली बजाने और घंटी हिलाने का आह्वान कर रहे हैं जो कि उनकी अक्षमता का परिचय है।
दूसरी तरफ मोदी जी के समर्थकों ने आज देश के कई शहरों में बाहर निकल कर थालियां पीटी और ‘गो कोरोना’ के नारे लगाए। अभियान में मशहूर अभिनेता अमिताभ बच्चन और गीतकार जावेद अख्तर ने भी वीडियो शेयर करके सरकार की अपील में तालियां बजाईं।